The works of the many famous writers
are available
in digital format and that they are bought frequently by readers
everywhere the globe. Novels, collection of poems, religious books, books of
ancient writer; all those books which are in syllabic script may be found in
digital format and might be reached by the readers from everywhere the globeThe
most frequently bought works are the religious one, often in Hindi, like The
Ram Charit Manas, The Mahabharata, and also the Gita. Modern literary books
also are purchased by reader. Premchand, Jaishankar Prasad, Nirmal Verma, Mahadevi Verma etc. are some of
the famous writers, whose novels, stories and poems are always searched by
readers. The young writers who have recently published their works
and got publicity, their works are also available in digital format. Here you
will get the lists of some readable.
ई-पुस्तक
आप
सभी पाठकों का स्वागत है । यहाँ हम आपको उन कृतियाँ से अवगत कराना चाहते हैं, जिसे पढकर आनंद महसूस करेंगे। हिंदी साहित्य में शुरुआत से लेकर
वर्तमान समय तक बहुत सारी ऐसी पुस्तकें लिखी गयी जो अत्यंत ही पठनीय एवं रोचक है। यहाँ पर कुछ पुस्तकों को उसके परिचय के साथ प्रस्तुत किया गया
है, जिससे आप सभी को अपने रुचि अनुसार पुस्तक चयन
में आशानी होगी ।
इस भाग में हमने अतयंत पठनीय, मजेदार 10 पुस्तकों को संग्रहित किया है, जिसे यदि आपने पढना प्रारम्भ कर दिया तो बिना समाप्त किए नहीं
रुकेंगे।
1.नमक का दारोगा
मुंशी प्रेमचंद
Rs.51.45 on Amazon
क्यों पढे
जब नमक का नया विभाग बना और ईश्वरप्रदत्त वस्तु के व्यवहार करने का निषेध
हो गया तो लोग चोरी-छिपे इसका व्यापार करने लगे। अनेक प्रकार के छल-प्रपंचों का
सूत्रपात हुआ, कोई घूस से काम निकालता
था, कोई चालाकी से। अधिकारियों के पौ-बारह थे।
पटवारीगिरी का सर्वसम्मानित पद छोड-छोडकर लोग इस विभाग की बरकंदाजी करते थे। इसके
दारोगा पद के लिए तो वकीलों का भी जी ललचाता था। यह वह समय था जब ऍंगरेजी शिक्षा और ईसाई मत को लोग
एक ही वस्तु समझते थे। फारसी का प्राबल्य था। प्रेम की कथाएँ और शृंगार रस के
काव्य पढकर फारसीदाँ लोग सर्वोच्च पदों पर नियुक्त हो जाया करते थे। मुंशी वंशीधर भी जुलेखा की विरह-कथा समाप्त करके
सीरी और फरहाद के प्रेम-वृत्तांत को नल और नील की लडाई और अमेरिका के आविष्कार से
अधिक महत्व की बातें समझते हुए रोजगार की खोज में निकले।
1.नमक का दारोगा
मुंशी प्रेमचंद
Rs.51.45 on Amazon |
क्यों पढे
जब नमक का नया विभाग बना और ईश्वरप्रदत्त वस्तु के व्यवहार करने का निषेध
हो गया तो लोग चोरी-छिपे इसका व्यापार करने लगे। अनेक प्रकार के छल-प्रपंचों का
सूत्रपात हुआ, कोई घूस से काम निकालता
था, कोई चालाकी से। अधिकारियों के पौ-बारह थे।
पटवारीगिरी का सर्वसम्मानित पद छोड-छोडकर लोग इस विभाग की बरकंदाजी करते थे। इसके
दारोगा पद के लिए तो वकीलों का भी जी ललचाता था। यह वह समय था जब ऍंगरेजी शिक्षा और ईसाई मत को लोग
एक ही वस्तु समझते थे। फारसी का प्राबल्य था। प्रेम की कथाएँ और शृंगार रस के
काव्य पढकर फारसीदाँ लोग सर्वोच्च पदों पर नियुक्त हो जाया करते थे। मुंशी वंशीधर भी जुलेखा की विरह-कथा समाप्त करके
सीरी और फरहाद के प्रेम-वृत्तांत को नल और नील की लडाई और अमेरिका के आविष्कार से
अधिक महत्व की बातें समझते हुए रोजगार की खोज में निकले।