Munshi Premchand was a famous writer of Hindi.
The works of the many famous
writers are available in digital format and that they are bought frequently by
readers everywhere the globe. Novels, collection of poems, religious books,
books of ancient writer; all those books which are in syllabic script may be
found in digital format and might be reached by the readers from everywhere the
globe.
ई-पुस्तक
आप सभी पाठकों का स्वागत है । यहाँ हम आपको उन कृतियाँ से अवगत कराना चाहते हैं, जिसे
पढकर आनंद महसूस करेंगे। हिंदी साहित्य में शुरुआत से लेकर वर्तमान समय तक बहुत
सारी ऐसी पुस्तकें लिखी गयी जो अत्यंत ही पठनीय एवं रोचक है। यहाँ
पर कुछ पुस्तकों को उसके परिचय के साथ प्रस्तुत किया गया है, जिससे
आप सभी को अपने रुचि अनुसार पुस्तक चयन में आशानी होगी ।
इस भाग में हमने अतयंत पठनीय, मजेदार 10 पुस्तकों को संग्रहित किया है, जिसे
यदि आपने पढना प्रारम्भ कर दिया तो बिना समाप्त किए नहीं रुकेंगे।
1. गोदान (Godan)
लेखक : मुंशी
प्रेमचंद
क्यों पढें ?
गोदान मुंशी प्रेमचंद द्वारा लिखित एक महत्वपूर्ण उपन्यास है । यह पहली बार 1936 में प्रकाशित हुआ था तथा इसे आधुनिक भारतीय साहित्य
के सबसे उत्कृष्ट उपन्यासों में से एक माना जाता है। सामाजिक आर्थिक अभाव के साथ-साथ
गाँव के गरीबों के शोषण पर आधारित, उपन्यास प्रेमचंद का अंतिम पूर्ण उपन्यास था।
2. गबन (Gaban )
लेखक- मुंशी प्रेमचंद
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क्यों पढें ?
मुंशी प्रेमचंद द्वारा लिखित यह उपन्यास अभूतपूर्व है । इस उपन्यास
का नाम ‘गबन’ है । इस उपन्यास में प्रेमचंद ने वर्ग और लिंग के मुद्दों को उजागर
करने का प्रयास किया है । उपन्यास का पात्र ‘ रमानाथ ‘ की पत्नी जालपा अपने पति से 'चंद्रहार' की माँग करती है। रमानाथ मध्यम वर्गीय परिवार से है लेकिन अपनी
पत्नी के सामने वह खुद को एक धनी व्यक्ति के रूप में प्रदर्शित करता है । पत्नी की
ईच्छा पुर्ति के लिए वह एक चोरी करता है । चोरी के बाद रमानाथ का क्या होगा? क्या वह पकड़ा जाएगा और कैद किया जाएगा ? या वह कानून से भागने का प्रयास करेगा ? इसी को पड़ताल करते हुए
तात्कालिन परिवेश में यह उपन्यास लिखी गयी है ।
3. निर्मला (Nirmala )
लेखक- मुंशी प्रेमचंद
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क्यों पढें ?
यह कहानी एक पंद्रह वर्षीय लड़की ‘निर्मला’ की है, जो अपने पिता की उम्र के व्यक्ति से शादी करने को मजबूर है । इस
उपन्यास में भारतीय समाज और उसमें महिलाओं की स्थिति का वर्णन बहुत ही मार्मिक ढंग
से किया गया है। यह एक दिल दहला देने वाली कहानी है । यह उपन्यास अपने पहले
प्रकाशन के बाद से ही बेस्टसेलर बना हुआ है ।
4. कर्मभूमि ( Karmbhumi)
लेखक-मुंशी प्रेमचंद
इस उपन्यास में
सभी पात्र जेलों में ठूस दिए जाते हैं। इस तरह प्रेमचन्द क्रान्ति के व्यापक
पक्ष का चित्रण करते हुए तत्कालीन सभी राजनीतिक एवं सामाजिक समस्याओं को कथानक से
जोड़ देते हैं। निर्धनों के मकान की समस्या, अछूतोद्धार की समस्या, अछूतों के मन्दिर में प्रवेश की समस्या, भारतीय नारियों
की मर्यादा और सतीत्व की रक्षा की समस्या, ब्रिटिश साम्राज्य के दमन चक्र से उत्पन्न समस्याएँ, भारतीय समाज में
व्याप्त धार्मिक पाखण्ड की समस्या पुनर्जागरण और नवीन चेतना के समाज में संचरण की
समस्या, राष्ट्र के लिए
आन्दोलन करने वालों की पारिवारिक समस्याएँ आदि इस उपन्यास में बड़े यथार्थवादी
तरीके से व्यक्त हुई हैं।
5. सेवा सदन’ ( Sevasadan)
लेखक- मुंशी प्रेमचंद
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क्यों पढें ?
‘सेवा सदन’ प्रेमचंद का सुधारवादी उपन्यास है, जिसमें प्रेमचंद
ने भारतीय नारी की पराधीनता, निस्सहाय अवस्था और दयनीय जीवन पर प्रकाश डाला है, साथ ही धर्म के
धंधेबाजों, धनपतियों, सुधारकों के आडंबर, दंभ, चरित्रहीनता, दहेज प्रथा, वेश्या गमन और हिंदू समाज के खोखलेपन आदि को भी रेखांकित किया है।
विभिन्न सामाजिक समस्याओं को भावनात्मक धरातल पर प्रस्तुत करने वाला यह एक पठनीय
एवं संग्रहणीय उपन्यास है ।यह उपन्यास इतना लोकप्रिय हुआ कि वह
हिंदी का बेहतरीन उपन्यास माना गया । इसमें वेश्या-समस्या और उसके समाधान का
चित्रण है, जो हिंदी मानस के लिए नई विषयवस्तु थी।
6. रंगभूमि ( Rangbhumi )
लेखक- मुंशी प्रेमचंद
रंगभूमि उपन्यास ऐसी कृति है जो नौकरशाही तथा पूंजीवाद
के साथ जनसंघर्ष का ताण्डव, सत्य, निष्ठा और
अहिंसा के प्रति आग्रह, ग्रामीण जीवन में उपस्थित मध्यपान तथा स्त्री दुदर्शा का भयावह
चित्रण कराती है ! परतंत्र भारत की सामाजिक, राजनितिक, धार्मिक और आर्थिक समस्याओं के बीच राष्ट्रीयता की भावना से
परीपूर्ण यह उपन्यास लेखक के राष्ट्रीय दृष्टिकोण को बहुत ऊंचा उठाता है ।
7. प्रतिज्ञा ( Pratigya)
लेखक- मुंशी प्रेमचंद
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क्यों पढें ?
‘प्रतिज्ञा’ प्रेमचंद की प्रसिद्ध रचनाओं में एक है, इस उपन्यास में भारतीय समाज में
विधवाओं के कष्टमय जीवन को दर्शाया गया है । एक विधुर अमृतराय अपनी मृत पत्नी
की बहन प्रेमा से प्यार करता है । लेकिन आर्य समाज मंदिर में एक पंडित को सुनने के
बाद उसने एक विधवा से शादी करने का वचन लिया है । वह
अपने इस वचन को पालन करने में कहाँ तक सफल होता है ?
8. वरदान ( Vardaan )
लेखक- मुंशी प्रेमचंद
यह उपन्यास बचपन के दो पड़ोसी-प्रतापचंद्र और
बिरजन की कहानी है । प्रतापचंद्र का जन्म देवी अष्टभुजा के आशीर्वाद से हुआ था ।
बिरजन अपने परिवार के साथ प्रतापचंद्र के घर में किराएदार के रूप में रहने आयी थी, जिस कारण उनका समय साथ-साथ बीतने लगा और वे एक-दूसरे को प्यार करने लगे, लेकिन बिरजन की शादी दूसरे से हो गयी । कुछ दिनों
बाद उसका पति मर गया और वह विधवा हो गयी । क्या प्रतापचंद बिरजन से शादी करेगा या
अपनी माँ के सपने को पूरा करेगा ?
9. संग्राम( Sangram)
लेखक- मुंशी प्रेमचंद
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क्यों पढें ?
प्रेमचंद ने साहित्य के लगभग सभी
विधाओं में रचना की है । संग्राम एक समाजवादी नाटक है, जिसमें ग्रामीण किसानों
के संघर्ष की कहानी है, समाज में अपनी छवि बनाए रखने के लिए वह हर संभव प्रयास करता है, परंतु समाज उसे
नकार देती है । इस नाटक के माध्यम से प्रेमचंद ने हमारे समाज में व्याप्त
कुप्रथाओं पर गहरा प्रहार किया है ।
10. प्रेमा ( Prema )
लेखक- मुंशी प्रेमचंद
इस उपन्यास के नायक बाबू अमृतराय का विवाह 'प्रेमा' नमक
युवती से होना तय हुआ था, लेकिन कुदरत की लीला के कारण तब ऐसा ने हो सका ।
इस कथानक में समाज सुधारक बाबू अमृतराय ने 'एक विधवा को अपना जीवन संगिनी बनानकर 'विधवा
विवाह' का विरोध करने वाले समाज के पोंगा पंडितो को गहरी सीख दी है ।