The
works of the many famous writers are available
in digital format and that they
are bought frequently by readers everywhere the globe.Novels, collection of poems, religious books, books of ancient
writer; all those books which are in syllabic script may be found in digital
format and might be reached by the readers from everywhere the globe.
The most
frequently bought books are the religious books, often in Hindi, like The Ram
Charit Manas, The Mahabharata, and also the Gita. Modern literary books also
are purchased by reader. Premchand, Jaishankar Prasad, Nirmal Verma, Mahadevi Verma etc. are some of
the famous writers, whose novels, stories and poems are always searched by
readers.
The young writers who have recently published their works and got
publicity, their works are also available in digital format. Here you will get
the lists of some readable.
ई-पुस्तक
आप सभी पाठकों का स्वागत है । यहाँ हम आपको उन
कृतियाँ से अवगत कराना चाहते हैं, जिसे पढकर
आनंद महसूस करेंगे। हिंदी साहित्य में शुरुआत से लेकर वर्तमान समय तक बहुत सारी
ऐसी पुस्तकें लिखी गयी जो अत्यंत ही पठनीय एवं रोचक है। यहाँ पर कुछ पुस्तकों को उसके परिचय के साथ प्रस्तुत किया गया
है, जिससे आप सभी को
अपने रुचि अनुसार पुस्तक चयन में आशानी होगी ।
इस भाग में हमने अतयंत पठनीय, मजेदार 10 पुस्तकों को संग्रहित किया है, जिसे यदि आपने पढना प्रारम्भ कर दिया तो बिना समाप्त किए नहीं रुकेंगे।
1. परिणीता ( Parinita )
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लेखक : शरतचंद्र
क्यों पढें ?
इस
उपन्यास में शरतचंद्र ने बड़ी कुशलता से भारतीय महिला की बाहरी
सुंदरता एवं उसकी आंतरिक सुंदरता का वर्णन किया है,
साथ ही उसकी मानसिक भावनाओं को भी चित्रित किया
है। यह चित्रण इतना उत्कृष्ट है कि भारतीय भाषाओं का कोई दूसरा उपन्यासकार इस स्तर
को छू तक नहीं सका है। परिणीता
की लोलिता शरत चंद्र द्वारा लिखे गए अन्य उपन्यासों की
महिला पात्रों की तरह ही महिलाओं के जीवन से जुड़ी समस्याओं एवं
अपने अंदर की अंतर्द्वंदों से जूझती है । उनकी भावनाओं का वर्णन इस तरह सहजता
पूर्वक किया गया है कि पात्र सजीव हो उठा है । शरत चंद्र के सभी उपन्यासों में ‘परिणीता’ एक श्रेष्ठ उपन्यास है। इस उपन्यास को
स्क्रिप्ट बेस के रूप में प्रयुक्त कर कई सफल फिल्में बनाई गई हैं।
2 . देवदास ( Devdas )
लेखक : शरतचंद्र
क्यों पढें ?
3. शेष प्रश्न
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लेखक : शरतचंद्र
क्यों पढें ?
यह उपन्यास शरतचंद्र द्वारा लिखित एक अत्यधिक प्रसिद्ध कृति है।इसमें
नये-पुराने विचारों के संघर्ष की कहानी है । इस कृति में एक ऐसी नारी की व्यथा है जो
संसार के द्वारा निंदित हुई है, परंतु वास्तव में उसका चरित्र बहुत सशक्त था । स्त्री
कमल जो ऊपर से चरित्रहीन दिखती है, परन्तु भीतर से वह किसी चट्टान की भाँति मजबूत और
अडिग है। साहित्य में इस तरह के नारी चरित्र
की मिसाल अन्यत्र नहीं मिलती है । इस उपन्यास की पर दूरदर्शन पर धारावाहिक भी बन चुकी
है ।
4. चरित्रहीन
(
Charitraheen)
क्यों पढें ?
नारी का शोषण, समर्पण और भाव-जगत तथा पुरुष-प्रधान समाज में उसका चारित्रिक
मूल्यांकन और उससे उभरने वाला अंतर्विरोध इस उपन्यास का केंद्रबिंदु है । सामाजिक
रूढ़ियों पर प्रहार कर पाठक को पिटी-पिटाई लीक से हटकर सोचने को बाध्य करने वाले
शरतचंद्र ने इस उपन्यास में नारी-मन के साथ-साथ मानव-मन की सूक्ष्म प्रवृत्तियों
का भी मनोवैज्ञानिक विश्लेषण किया है । साथ ही यह उपन्यास नारी की परंपरावादी छवि
को तोड़ने का भी सफल प्रयास करता है । उपन्यास सवाल उठाता है कि देवी की तरह पूजनीय
और दासी की तरह पितृसत्ता के अधीन घुट-घुटकर जीने वाली स्त्री के साथ यह
अंतर्विरोध और विडंबना क्यों है?.
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5. मझली दीदी एवं अन्य कहानियाँ (Majhali Didi)
लेखक: शरतचंद्र
क्यों पढें ?
मझली दीदी एक ऐसी स्नेहमयी स्त्री की कहानी है, जो अपनी जेठानी के अनाथ भाई को अपने पुत्र के समान प्यार
करने लगती है । यहाँ तक की उसे अपने जेठानी एवं जेठ के अत्याचारों से बचाने के लिए
अपने पति को छोड़ने के लिए तैयार हो जाती है । इस कहानी को केंद्र बिंदु बनाकर कई फिल्में
बनायी जा चुकी है ।.
6. श्रीकांत (Srikanta)
लेखक: शरतचंद्र
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क्यों पढें ?
सारी जिन्दगी घूमने में ही बीती है।
इस घुमक्कड़ जीवन के तीसरे पहर में खड़े होकर, उसके एक अध्याापक को सुनाते हुए, आज मुझे न जाने कितनी बातें याद आ रही हैं। यों घूमते-फिरते ही
तो मैं बच्चे से बूढ़ा हुआ हूँ। अपने-पराए सभी के मुँह से अपने सम्बन्ध में केवल 'छि:-छि:' सुनते-सुनते मैं अपनी जिन्दगी को एक
बड़ी भारी 'छि:-छि:' के सिवाय और कुछ भी नहीं समझ सका। किन्तु बहुत काल के बाद जब आज
मैं कुछ याद और कुछ भूली हुई कहानी की माला गूँथने बैठा हूँ और सोचता हूँ कि जीवन
के उस प्रभात में ही क्यों उस सुदीर्घ 'छि:-छि:' की भूमिका अंकित हो गयी थी, तब हठात् यह सन्देह होने लगता है कि
सब लोग इस 'छि: छि:' को जितनी बड़ी बनाकर देखते थे उतनी बड़ी शायद वह नहीं थी।
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7. बड़ी दीदी ( Badi Didi)
लेखक: शरतचंद्र
क्यों पढें ?
बड़ी दीदी माधवी जब यौवन के दहलीज पर थी, उसी समय वह विधवा हो गयी थी । अल्पायु में विधवा होने पर भी उसने
अपने उच्च कुल की मार्यादा को नहीं खोया उसे बनाए रखा । इस कहानी में लेखन ने एक विधवा
के जीवन उसके त्याग और कर्तव्य का बहुत ही सहजता से चित्रण किया है । यह कहानी शरतचंद्र
की उत्कृष्ठ रचना है ।
क्यों पढें ?
8. चंद्रनाथ ( Chandranath )
लेखक: शरतचंद्र
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क्यों पढें ?
20 वीं सदी के सबसे लोकप्रिय
बंगाली उपन्यासकारों में से एक शरत चंद्र चट्टोपाध्याय ने स्पष्ट
ईमानदारी और बुनियादी यथार्थवाद को दर्शाती कहानियां लिखीं। उनकी कई रचनाएँ उस दौर
में ग्रामीण बंगाली समाज में महिलाओं की दुर्दशा और उत्पीड़न का प्रतिनिधित्व करती
हैं। उन्होंने उन सामाजिक अंधविश्वासों और संकीर्ण मानसिकता के बारे में निंदा की
और लिखा जो देश को घेरे हुए थे। शरत चंद्र का चंद्रनाथ, चंद्रनाथ और सरयू की प्रेम कहानी को दर्शाने
वाला एक लोकप्रिय उपन्यास है। शरतचंद्र ने बचपन में बंधे संबंधों की जटिलताओं को
जिस तरह से चित्रित किया है, वह पढ़ने योग्य है। जिस तरह से चंद्रनाथ समाज द्वारा लगाई गई
झोंपड़ियों को तोड़ते हुए अवरोधों को दूर करते हैं, समय के साथ उनके प्यार को गहरा और
मजबूत बनाता है।
9. आनन्दमठ ( Ananadmath)
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लेखक: बंकिमचंद्र चटर्जी
क्यों पढें ?
आनन्द मठ बांग्ला भाषा का एक उपन्यास है जिसकी रचना बंकिम चन्द्र चट्टोपाध्याय ने 1882 में की थी। इस कृति का भारतीय स्वतन्त्रता
संग्राम और स्वतन्त्रता के क्रान्तिकारियों पर बहुत गहरा प्रभाव पड़ा। भारत का
राष्ट्रीय गीत वन्दे मातरम् इसी उपन्यास
से लिया गया है। आनंदमठ
राजनीतिक उपन्यास है। इस उपन्यास में उत्तर बंगाल में 1773 के सन्यासी विद्रोह का वर्णन किया
गया है। इस पुस्तक में देशभक्ति की भावना है।
10. दुर्गेशनंदिनी ( Durgeshnandini)
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लेखक: बंकिमचंद्र
चटर्जी
दुर्गेशनंदिनी बंकिमचंद्र की सशक्त
रचना है । नारी की अंतर्वेदना को बेहद प्रभावशाली ढंग से प्रस्तुत किया गया है । यह
रचना कई भाषाओं में अनुदित की गयी है ।
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