Sunday 6 February 2022

Latest Hindi Natak Books : श्रेष्ठ हिंदी नाटक : भारतीय सभ्यता में नाटक लिखने का प्रचलन बहुत पुराना है । प्राचीन काल से ही नाटक लिखा जाता रहा है, कहा जाता है कि भरत के काल से ही नाटक का प्रचलन रहा है । संस्कृत भाषा में कई नाटक लिखे गए और उनका मंचन भी होता रहा है । प्राचीन काल में कालीदास एक मशहूर नाटकाकार थे जिसने कई काव्य नाटकों की रचना की । जिनमें अभिज्ञान शकुंतलमआज के समय में भी काफी लोकप्रिय है । आधुनिक काल में भी कई महान नाटककार हुए हैं, जिन्होंने अपनी कृति से हिंदी साहित्य भंडार को पोषित किया है । इस पेज पर हम कुछ हिंदी नाटकों (Latest Hindi Natak Books) का उल्लेख करेंगे। 

सम्राट अशोक : यह नाटक दया प्रकाश सिन्हा के द्वारा लिखित है, जिसे वर्ष 2021 में साहित्य एकेडमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया है । 

हिंन्दी में सम्राट अशोक पर बहुत लिखा गया है, परंतु उनकी प्रामाणिकता अविश्वनीय है ।इस नाटक में पहलीवार नाटककार ने प्रमाणिक इतिहास के तथ्यों पर नाटक रचना की है । शिलालेखों, इतिहासकारों एवं पौराणिक ग्रंथों के अध्ययन के उपरांत यह रचना की गई है । नाटककार ने देश –विदेश के इतिहासकारों का तर्क इस नाटक की भूमिका में लिखा है।

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इस नाटक की प्रमुख स्थापनाऐं हैं, अशोक बिंदुसार का पुत्र था, उसकी मां उपेक्षिता थी । इस पुत्र के जन्म से उसे स्वीकार्यता मिली और वह शोक मुक्त हुई, इसलिए उसने पुत्र का नाम अशोक रखा । अशोक जन्म से ही कुरूप था, किंतु वह बलशाली और वीर था । अत: पिता ने उसे पश्तुन विद्रोहियों के दमन के लिए भेजा था । उसे इस कार्य में सफलता मिली थी, इसलिए उसे उज्जयिनी का शासक बना दिया गया । बिंदुसार से उसने जबरदस्ती शासन छीन लिया था, इस आघात से उसकी मृत्यु हो गई । उसने बड़े भाई सुसीम की हत्या कर दी थी क्योंकि वह उसकी राजगद्दी का प्रतिद्वंदी था। उसके रहते वह शासन नहीं बन पाता ।       


महाबली : असगर वजाहत   

प्रख्यात लेखक असगर वजाहत (Asghar Wajahat) को नाटक ‘महाबली’ (Mahabali) के लिए वर्ष 2021 के व्यास सम्मान के लिए चुना गया है, यह पुस्तक 2019 में प्रकाशित हुई थी. 

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नाटक के सभी प्रमुख पात्र बहुत जाने-पहचाने हैं । तुलसीदास भक्ति, समर्पण, भावनात्मकता, विद्वता एवं कल्पना के धनी थे । राम के प्रति उनका समर्पण अद्वितीय था । उनका अभिनय करने वाले पात्र को लगातार कल्पना और यथार्थ के बीच आवाजाही करनी होगी । एक ओर तुलसी भक्ति और समर्पण के अथाह सागर में डूब जाते हैं तो दूसरी ओर बड़ी सतर्कता से विसंगतियों का संयोजन करते हैं । उनके व्यक्तित्व में बहुत लचीलेपन के साथ-साथ बहुत दृढता भी है ।

मुगल सम्राट अकबर एक विलक्षण व्यक्ति था । अक्षर ज्ञान न होने और विधिवत शिक्षा ग्रहण न प्राप्त करने के कारण उसकी प्रतिभा मौलिक दिशा में आगे बढ़ गई थी । पुस्तकों से अधिक वह सामान्य ज्ञान पर विश्वास करता था । तर्कसंगत और ऐसे तथ्य ही उसे प्राभावित करता था, जिसे प्रमाणित किया जा सके । अकबर का व्यक्तित्व प्रतिभा और जिज्ञासा से भरा हुआ था । वह अपने को महाबली कहलाना पसंद करता था । नाटक महाबलीका यही आधार है ।

दूसरे प्रमुख पात्रों में अब्दुल रहीम खानखाना और टोडरमल है जो यह जानते हैं कि तुलसीदास सिकरी क्यों नहीं जा रहे हैं । लेकिन सम्राट के आदेश का पालन करने के लिए वे लगातार तुलसीदास को प्रेरित करते रहते हैं ।


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