Friday, 26 June 2020

What about Rich Dad Poor Dad ( in Hindi ) ?

        Rich Dad Poor Dad is a book written by Robert T. Kiyosaki with Sharon L. Lechter C.P.A. This book is about personal Financial Education. It is not about getting rich quickly, it is about taking responsibility for your financial affairs and improving wealth by mastering money. Read it if you want to awaken your financial genius.

        Money is only an idea. If you want more money simply change your thinking. Every self- made person started small with an idea, then turned it into something big. The same applies with investing. It takes only a few dollars to start and grow it into something big.  
Hindi eBooks, eBooks in Hindi,
Rs. 179.55 at Amazon Kindle

      When my oldest son became hopelessly in debt with his credit cards as a freshman in a college, I not only helped him destroy the credit cards, but I also went in search of a program that help me educate my child on financial matters.

     One of the reasons the rich get richer, the poor get poorer, and the middle class struggles in debt is that the subject of money is taught at home, not in school.  Most of us learn about money from our parents. So what can poor parents tell their child about money? They simply say “Stay in school and study hard.” The child may graduates with excellent grades, but with a poor person’s financial programming and mindset.  




       If you want to get your child with financial programming and mindset, I recommend you this book to read at least once in your life. As you know that financial education is not given in any school. You are the only person who cares your child. Do not forget your responsibility.
I am sure this book will definitely change your thoughts, everyone should must read this book at least once in one’s life.  

This book is dedicated to all parents everywhere, as being first and important teachers, and all those who educates and lead by examples.    
    


यह पुस्तक पूरे संसार के माता-पिताओं को समर्पित है, क्योंकि वे ही किसी बच्चे के सबसे महत्वपूर्ण शिक्षक होते हैं । और यह उन सभी लोगों को भी समर्पित है जो आदर्श पेश कर बच्चे को शिक्षित बनाते हैं उनपर छाप छोड़ते हैं और उन्हें नेतृत्व प्रदान करते हैं ।


पैसों के बारे में अमीर लोग अपने बच्चे को क्या सिखाते हैं ? जो गरीब और मध्य वर्ग के माता-पिता नहीं सिखाते हैं? 


जो भी इन्सान अपने आर्थिक भविष्य की बागडोर अपने हाथों में लेना चाहता है उसे रिच डैड पुअर डैड से शुरुआत करनी चाहिए ।


इस पुस्तक में दो डैडी की  तुलना की गयी है ।

             मेरे गरीब डैडी हमेशा कहा करते थे, “ मैं कभी अमीर नहीं बन पाऊँगा ।“ और आगे चलकर उनकी यह भविष्यवाणी बिल्कुल सही हुई । 

Hiendi eBooks, eBooks in hindi, Hindi rich dad and poor dad
Rs.149.15 on Amazon Kindle
             दूसरी ओर मेरे अमीर डैडी हमेशा खुद को अमीर मानते थे । वे इस तरह की बातें करते थे, “ मैं अमीर हूँ और अमीर लोग ऐसा नहीं करते हैं ।"  जब एक बड़े वित्तीय झटके के बाद वे दिवालिया होने के कागार पर थे, तब भी वे खुद को अमीर आदमी ही कहा करते थे ।  वे अपने समर्थन में यह कहा करते थे, “ गरीब होने और दिवालिया होने में फर्क है, दिवालिया होना अस्थायी है और गरीब होना स्थायी है ।“ 
   
              मेरे गरीब डैडी हमेशा कहते थे, “ पैसे में मेरी कोई दिलचस्पी नहीं है या पैसा महत्वपूर्ण नहीं है ।“
मेरे अमीर डैडी हमेशा कहा करते थे, “ पैसा ही शक्ति है ।"   
  
          हमारे विचारों की शक्ति को कभी नापा नहीं जा सकता, न ही उनके प्रभावों को पूरी तरह समझा जा सकता है, लेकिन इसके बावजूद बचपन में ही मै यह समझ गया था कि मुझे अपने विचारों पर ध्यान देना चाहिए और अपनी अभिव्यक्ति पर भी । मैंने गौर किया कि मेरे गरीब डैडी के गरीब होने का कारण यह नहीं था कि वे कम पैसे कमाते थे ( उनकी तनख्वाह काफी अच्छी थी ) वे तो अपने विचारों और कार्यों के कारण गरीब थे ।
        
          दो डैडी होने के कारण मैं बचपन में ही बहुत सजग और जागरुक हो गया था कि मैं किन विचारों को अपनाऊँ ? मैं किसकी बात मानूँ अपने अमीर डैडी की या गरीब डैडी की ?


          राबर्ट टी क्योसाकी के द्वारा लिखित यह पुस्तक आपके जीवन को बदल सकती है । 
        
          यदि आप किसी के पिता हैं तब तो यह पुस्तक आप ही के काम की है, यदि आप पुत्र हैं तो इस पुस्तक में दिखाये गये दोनों पिता के विचारों की तुलना कर सकते हैं ।  वित्तीय शिक्षा के बारे में किसी स्कूल में पढायी नहीं जाती है, यह आपको स्वंय अपने बच्चों को पढाना चाहिए । प्रत्येक पिता को जीवन में एक बार इस पुस्तक को अवश्य पढना चाहिए । 

          यदि आपने इसे अभी तक नहीं पढा है तो अविलम्ब पढिए ।




 
Toggle Footer