वैसे तो
हिंदी भाषा में बोलना, बातचीत करना बहुत आसान है, परंतु
जब लिखने की बात आती है, तब मुश्किल खड़ी होती है । कैसे
लिखें ? क्योंकि जब हम लिखने बैठते हैं तो चाहते हैं कि
शुद्ध लिखें । हिंदी भाषा में इसकी सहचरी बोली भी समाहित है जो अलग तरह से
क्षेत्रवार बोली जाती है । जब हम हिंदी बोलते हैं तो खड़ी बोली बोलते हैं । यहाँ Hindi Grammar books के अंतर्गत
हिंदी के कुछ व्याकरण की चर्चा
की जा रही है, जिसकी मदद से आप शुद्ध लिख सकते हैं।

छात्रों के लिए
भी यह उपयोगी हो सकता है, उनकी परीक्षा को ध्यान में
रखकर कुछ पुस्तकें चुनी गयीं हैं। इनकी मदद से सिलेबस को पूरा किया जा सकता है। बाजार
में बहुत सी पुस्तकें उपलब्ध हैं, यहाँ हम ई-बुक्स के बारे में
बतायेंगे । ई-बुक्स की विशेषता यह है कि इसे आप मोबाइल, लैपटॉप,
कम्प्यूटर या अन्य गैजेट जैसे कि किंडल बुक रीडर पर भी पढ सकते हैं ।
मोबाइल, लैपटॉप व कम्प्यूटर पर आप मुफ्त में किंडल एप डाउनलोड
कर लें और उसकी सहायता से डाउनलोड किये गये बुक्स को पढें । यह बहुत ही आसान
है। मोबाइल या कम्प्यूटर में डाउनलोड होने से इन पुस्तकों को कभी भी और कहीं
भी पढी जा सकती है। अत: छात्रों और शिक्षकों के लिए भी यह बहुत ही उपयोगी है ।
1. हिंदी व्याकरण :
हिंदी भारत की राष्ट्र
भाषा है । संविधान में वह राजभाषा के रूप में भी स्वीकृत है । प्राय: समस्त प्रतियोगी
परीक्षा में हिंदी के ज्ञान को महत्वपूर्ण माना गया है । प्राथमिक परीक्षाओं से लेकर
विश्वविद्यालीय स्तर के पाठ्य क्रमों में हिंदी भाषा को अनिवार्य स्थान दिया गया है
। इस परिप्रेक्ष्य में यह बताने की आवश्यकता नहीं है कि हिंदी भाषा संबंधी ज्ञानार्जन
के लिए हिंदी व्याकरण का ज्ञान कितना महत्वपूर्ण एवं आवश्यक है । यह पुस्तक आपके समक्ष
प्रस्तुत है । इस पुस्तक को तैयार करते समय उन सभी बातों का ख्याल रखा गया है जिससे
कि यह आपके ज्ञान को बढा सके ।
2.आधुनिक हिंदी व्याकरण:
आधुनिक हिंदी
व्याकरण परीक्षा प्रणाली को ध्यान में रखकर लिखी गयी है । केंद्रीय शिक्षा बोर्ड द्वारा
समय समय पर जो भी परिवर्तन किये जाते हैं, उसी
को देखते हुए इस पुस्तक को तैयार किया गया है । इसमें मॉडल टेस्ट पेपर भी रखे गये हैं,
जिससे कि छात्रों को अभ्यास करने में सुविधा हो । रचनात्मक परीक्षण के
अंतर्गत भाषण, वाद-विवाद, कविता बनाना-सुनाना,
संस्मरण कहना, आँखों देखा हाल सुनाना, यात्रा वृतांत कहना, मंच संचालन, सामूहिक चर्चा, व्याकरण आदि से संबंधित सामग्री पथ प्रदर्शक
के रूप में कार्य करती है । हिंदी लेखन के बारे में इस पुस्तक का रुख अत्यंत सावधान.
सजग व लचीला है । एन.सी.आर.टी. लेखन की जिस पद्धति को मान्यता देती है, उसी पद्धति के अनुसार पूरी पुस्तक को तैयार किया गया है । इसके आलावे भी अन्य
परीक्षा उपयोगी विषय वस्तु को भी इसमें सम्मिलित किया गया है। 3.
नवयुग हिंदी व्याकरण तथा रचना
नवीं तथा दसवीं
कक्षा के विद्यार्थियों के लिए यह पुस्तक तैयार की गयी है । रचनात्मक परीक्षण अध्यापकों
तथा विद्यार्थियों के लिए एक नयी चुनौती है । नवयुग हिंदी व्याकरण में भाषण, वाद-विवाद, कविता, संस्मरण,
यात्रा वृतांत, आँखों देखा हाल, मंच संचालन, सामूहिक चर्चा, व्याकरण
आदि से संबंधित अनेक विध सामग्री जुटाई गयी है । यह सामग्री विद्यार्थियों के रचनात्मक
कौशल को संवारने में बहुत उपयोगी सिध्द होगी ।
4. अद्यतन हिंदी व्याकरण
यह पुस्तक
चार अध्यायों में विभक्त है : प्रथम अध्याय में हिंदी भाषा में उपलब्ध सभी
ध्वनियों एवं उनके लिखित रूप अक्षरों एवं संयुक्ताक्षरों की लेखन विधि, उच्चारण
एवं उनसे शब्द-निर्माण की व्याख्या की गई है, ताकि हिंदीतरभाषी भारतीय एवं विदेशी परीक्षार्थी
उनकी स्पष्ट समझ के साथ-साथ कम-से-कम समय में उनका अभ्यास कर उनपर अधिकार कर सकें।
दूसरे अध्याय में सभी प्रकार के शब्दों की प्रकृति, निर्माण एवं पहचान की व्याख्या के
साथ-साथ वाक्य गठन के दौरान लिंग, वचन विभक्ति, काल आदि के प्रभाव से उनमें होनेवाले रूप
परिवर्तन को विवेचित-विश्लेषित किया गया है। तीसरे अध्याय में हिंदी भाषा में
उपलब्ध सभी प्रकार के वाक्यों के गठन के अंतर्निहित नियमों को विश्लेषित किया गया
है। वाक्य किसी भाषा के दैनिक प्रयोग की सबसे महत्त्वपूर्ण इकाई हैं और सभी प्रकार
के अधिक-से-अधिक वाक्यों के निरंतर अभ्यास से ही भाषा का कार्यसाधक ज्ञान प्राप्त
किया जा सकता है। चौथे अध्याय में उपसर्ग, प्रत्यय, संधि एवं समास समाहित हैं : व्याकरण पुस्तकों की
महत्ता विषय के चयन में नहीं उनकी सुबोध एवं सुग्राह्य प्रस्तुति में होती है।
व्याकरण की सार्थकता इसमें है कि वह साध्य नहीं, अपितु भाषा की सम्यक् समझ एवं
प्रयोग का साधन बने।
5. पॉपुलर
हिंदी व्याकरण:
भाषा पहले बनती है और उसी के आधार पर उस भाषा का व्याकरण
लिखा जाता है । फिर भी भाषा के स्वरूप और प्रयोग को व्याकरण नियमित और नियंत्रित करता
है । इसलिए व्याकरण भाषा का विधान करनेवाला शास्त्र है । व्याकरण के नियमों का सही
ज्ञान नहीं होने से हम भाषा का शुद्ध ज्ञान नहीं प्राप्त कर सकते हैं और न ही उसका
शुद्ध अर्थ और प्रयोग जान सकते हैं । अत: भाषा और उसके व्याकरण का परस्पर अनन्य संबंध
है ।
6. Hindi Vyakaran for UPSC IAS/ IPS
Mains Hindi Anivarya Paper (Hindi Edition)
The E-book “Hindi Vyakaran for
UPSC IAS/ IPS Mains Hindi Compulsory Paper” has been specially prepared for the
aspirant to Qualify the Paper A of the IAS Main Exam. This eBook consists 16
chapters for Grammar Usage & Vocabulary with Past 5 years (2019 - 2015)
Solved papers of the Hindi (compulsory) Grammar section. Each of the chapter is
thoroughly researched and written in a flawless language. This book contains
sufficient explanation of concepts with examples that will make the learning
process easier for candidates.
1 comments:
really helpful
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