गौतम बुद्ध पुस्तकें (Gautama Buddha Books in hindi): गौतम बुद्ध का जन्म ईसा पूर्व छठी शताब्दी में हुआ था । उनका बचपन का नाम सिद्धार्थ था । जीवन के कष्टमय दृश्यों को देखकर सिद्धार्थ बहुत दुखी हो गए, उन्हें जीवन से मोहभंग हो गया और वे गृह त्याग कर ज्ञान और शांति की तलाश में घर से निकल पड़े ।
उन्होंने वर्षों तक तपस्या की । उसके बाद उन्हें ज्ञान का प्रकाश मिला । तब वे महात्मा बुद्ध
या गौतम बुद्ध कहलाए । महात्मा बुद्ध के जीवन से जुड़ी अनेकों किस्सा-कहानियां और दार्शनिक
विचारें उपलब्ध है, जिसे
हम Popular Hindi eBooks on Gautama Buddha के अंतर्गत यहां प्रस्तुत
कर रहे हैं ।
गौतम बुद्ध ने लोगों को अहिंसा पर चलने की सीख दी । उन्होंने पूरी दुनिया
में घूम घूम कर अपने विचार व शिक्षा का प्रचार प्रसार किया । उन्होंने अपने पुत्र व
पुत्रियों को भी विदेशों में अहिंसा का प्रचार करने भेजा ।
उनके विचारों और शिक्षाओं
को बौद्ध धर्म के दार्शन के रूप में पढाया और प्रचार-प्रसार किया जाता है।
उनकी
शिक्षाएँ भिन्न-भिन्न थीं, लेकिन उनका एकमात्र लक्ष्य मानव ज्ञान को नई दिशा की
ओर अभिमुख करना था। वे एक युग प्रवर्तक थे ।
यहाँ उनके दर्शन और जीवन से संबंधित कुछ पुस्तकों का विवरण है, जो हर आयु वर्ग के व्यक्तियों के लिए पठनीय है।
गौतम बुद्ध: जीवन और दर्शन – यह पुस्तक एक उल्लेखनीय व्यक्ति के जीवन
और शिक्षाओं के ऊपर लिखी गयी है । गौतम बुद्ध या महात्मा बुद्ध एक ऋषि थे जिनके उपदेश
पर बौद्ध धर्म की स्थापना की गयी थी । बुद्ध शब्द का अर्थ होता है ‘प्रबुद्ध’ अर्थात
वह व्यक्ति जिसे ज्ञान प्राप्त हो गया हो । माना जाता है कि उन्होंने चौथी और छठी
शताब्दी ईसा पूर्व के बीच ज्यादातर पूर्वी भारत में अपने शिक्षा का प्रचार प्रसार किया
था । सिद्धार्थ शाक्य वंश के प्रमुख शुद्धोदन के
पुत्र थे। उन्होंने राज पाट छोड़कर ज्ञान प्राप्ति के लिए जंगल का मार्ग पकड़ लिया था
। वहां उन्होंने वर्षों तपस्या की, जिसके बाद उन्हें जीवन के रहस्यों का ज्ञान मिला था
।
ईसा पूर्व छठी शताब्दी में आनंद-प्राप्ति की खोज व जिज्ञासा के कारण
विश्व में ऐसा प्रबुद्ध वर्ग सामने आया, जिसने अपने पूर्वजों के विचारों से भिन्न नए-नए
विचार प्रतिपादित किए। वस्तुतः ज्ञान की दृष्टि से यह ऐसा युगांतरकारी समय था, जब
चीन में कन्फ्यूशियस और लाओ-त्से, फारस में जोरोस्त्र, यूनान
में पाइथागोरस तथा भारत में महावीर एवं बुद्ध जैसी महान् विभूतियों ने नए युग का
सूत्रपात किया। भले ही उनकी शिक्षाएँ भिन्न-भिन्न थीं, लेकिन
उनका एकमात्र लक्ष्य मानव ज्ञान को नई दिशा की ओर अभिमुख करना था। ऐसे ही एक युग
प्रवर्तक थे महात्मा बुद्ध, जिनका जन्म लुंबिनी (कपिल वस्तु) में हुआ था और
जिसका संबंध राज परिवार से था । उन्होंने वर्षों वन में भटकते हुए तपस्या की । उसके
बाद उन्हें ज्ञान प्राप्त हुआ था । उन्होंने इस ज्ञान का पूरे विश्व में प्रचार प्रसार
किया ।
भगवान बुद्ध और उनका धम्म: यह पुस्तक डा0 बी. आर. अम्बेदकर के द्वारा
लिखी गई है । गौतम बुद्ध का जन्म लुंबिनी में 563
ईसा पूर्व इक्ष्वाकु वंशीय क्षत्रिय शाक्य कुल के
राजा शुद्धोदन के घर में हुआ था। उनके बचपन का नाम सिद्धार्थ था। उनकी माँ का नाम
महामाया था, जो
कोलीय वंश से थीं, जिनका देहावसान सिद्धार्थ के जन्म के सात दिन बाद
हो गया था। सिद्धार्थ का लालन-पालन महारानी की छोटी सगी बहन महाप्रजापति गौतमी ने
किया। ‘मन सभी प्रवृत्तियों का पुरोगामी है। मन उनका प्रधान है, वे मनोमय हैं। यदि कोई दोष-युक्त मन से बोलता है
या कर्म करता है तो दुःख उसका अनुसरण वैसे ही करता है, जैसे
गाड़ी का चक्का खींचनेवाले बैलों के पैर का।
बुद्ध का मुक्ति मार्ग उन लोगों के लिए है जो बुद्ध के मुक्ति के
मार्ग पर चलना चाहते हैं, लेकिन यह सुनिश्चित नहीं हैं कि कहां से शुरू
करें। यह कर्मा येशे रबग्ये की सबसे ज्यादा बिकने वाली पहली किताब, द
बेस्ट वे टू कैच ए स्नेक का हिंदी अनुवाद है। यह पुस्तक उन कर्मकांडों और प्रथाओं
से परे है जिन्हें आज बौद्ध धर्म के रूप में देखा जाता है, और
बौद्ध नींव की शिक्षाओं की व्याख्या करती है, अर्थात् चार महान सत्य, चार
विचार और अस्तित्व के चार लक्षण। यह एक सरल, शब्दजाल मुक्त भाषा में लिखा गया है जिसे समझना
आसान है। एक बौद्ध भिक्षु द्वारा लिखित, यह सरल अभ्यासों के साथ अपने स्वयं के अनुभव के
उदाहरणों को जोड़ती है जो आपको बुद्ध की शिक्षाओं को लागू करने में मदद करते हैं।
बौद्ध ज्ञान का एक मूल्यवान स्रोत, यह पुस्तक बुद्ध की शिक्षाओं के प्रति आकर्षित
होने वाले किसी भी व्यक्ति के लिए अवश्य पढ़ी जानी चाहिए, चाहे
उनका अपना धर्म कुछ भी हो।
महात्मा
बुद्ध ने नश्वर संसार के ताप-कष्टों को दूर करने तथा जीवन का रहस्य जानने के लिए
गृहत्याग किया और लंबे समय तक काया-कष्ट सहकर ज्ञान प्राप्त किया |उन्हें
जीव-जगत् का बोध हुआ, इसलिए
वे ‘बौद्ध’ कहलाए। उन्होंने मानवता को अहिंसा का उपदेश दिया। कोई गूढ़ या ज्ञान की
बात कितनी भी सरल भाषा में कही जाए, तो भी संपूर्ण समझ में नहीं आ पाती है, लेकिन उसे
कहानी का रूप दे दिया जाए तो वह सहज ही हमेशा के लिए याद हो जाती है। महात्मा
बुद्ध की ये कहानियाँ ऐसी ही हैं। इसमें उनके जीवन की घटनाओं तथा शिक्षाओं को
सीधी-सरल भाषा में कहानियों के माध्यम से बताया गया है। ये छोटी-छोटी कहानियाँ
अपने आप में अलग-अलग हैं और एक-दूसरी से जुड़ी हुई भी। लेकिन फिर भी कथा- रस से
भरपूर हैं। इस संकलन में संकलित अहिंसा, सदाचार, परोपकार और मानवीय मूल्यों को बतानेवाली रोचक-प्रेरक
कहानियों का पठनीय संकलन।
महात्मा बुद्ध की प्रेरक जीवनी ( बच्चों के लिए): शाक्य गणराज्य की सभा का आयोजन हो रहा था।
राजधानी कपिलवस्तु में हो रही इस सभा की अध्यक्षता शाक्य संघ के मुखिया शुद्धोदन
कर रहे थे। सभा समाप्ति की ओर बढ़ रही थी, तभी द्वार पर आए संदेशवाहक ने प्रवेश की आज्ञा
माँगी। शुद्धोदन की स्वीकृति के बाद उसने अंदर प्रवेश किया। अंदर आकर दूत ने धीरे
से शुद्धोदन को एक सूचना दी। दूत की सूचना पाकर शुद्धोदन का मुखकमल खिल उठा।
उन्होंने शीघ्र ही शाक्य सभा को इस सुखद समाचार से अवगत कराया। सभा ने भी
हर्ष-ध्वनि करके बधाई दी। समाचार ही कुछ ऐसा था। शुद्धोदन की रानी महामाया ने
लुंबिनी वन में एक पुत्र को जन्म दिया था। गणराजा शुद्धोदन को यह आभास भी नहीं था
कि रानी की यात्रा के क्रम में ही बालक का जन्म हो जाएगा, अन्यथा
कपिलवस्तु से थोड़ी ही दूर स्थित लुंबिनी वन तक भी वह रानी को यात्रा की आज्ञा
नहीं देते |
वर्तमान पुस्तक बुद्ध और बौद्ध धर्म पर स्वामी विवेकानंद के रिकॉर्ड
किए गए व्याख्यानों और बयानों का संकलन है।
इसका अवलोकन पाठक को बुद्ध के अद्वितीय
व्यक्तित्व, उनके
ज्ञानवर्धक संदेश और बौद्ध धर्म के ऐतिहासिक विकास का एक व्यापक विचार देगा।
उपरोक्त पुस्तकें भारतीय संस्कृति के धरोहर है । महत्मा बुद्ध पर जितनी
पुस्तकें लिखी जाय वह कम है । उनके द्वारा दिया गया उपदेश मानव जाति के लिए हितकारी
है । उनके बताए मार्ग पर चलकर ही मनुष्य शांति के साथ रह सकते हैं और मानवता का कल्याण
हो सकता है ।
Gautam Buddha Books in Hindi
0 comments:
Post a Comment