Thursday 1 July 2021

हिंदी विज्ञान कथा : मनुष्य के जीवन पर विज्ञान और प्रौद्योगिकी का प्रभाव इतना अधिक पड़ा  है कि विगत सौ वर्षों के अंदर ही मानव जीवन की सभी मान्यताएं खंड-खंड टूट गयी है । विज्ञान ने चमत्कार कर दिया है । मनुष्य की असंभव-सी परिकल्पनाओं को वास्तविक रूप में साकार कर दिया है । हमारे इर्द-गिर्द अनगिनत नए-नए उपकरण उप्लब्ध हो गए हैं जो मानव के जीवन यापन के तौर तरीके को बदल कर रख दिया है ।


वास्तव में विज्ञान कथा एक काल्पनिक साहित्य है, जिसमें विज्ञान और प्रौद्यिगिकी में होने वाले संभावित परिवर्तनों से मानव जीवन पर पड़ने वाले प्रभाव को लेकर उपजी मनवीय प्रतिक्रिया की कथात्मक अभिव्यक्ति होती है ।


यहाँ हम Hindi Science Fiction books के पेज पर वर्ष 2021 में प्रकाशित विज्ञान कथा उपन्यास ब्लू ऑवरपर चर्चा कर रहे हैं । तदोपरांत एक अन्य विज्ञान कथा उपन्यास यू.पी. 204 ( U.P.204)’ के बारे में भी जानकारी दी जा रही है । 


Blue Hour (ब्लू ऑवर



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Indian Sci-Fi कैटेगरी में यह एक बेहतरीन उपन्यास है सामाजिक, ग्रामीण, राजनैतिक परिवेश की कहानियां पाठकों के समक्ष अक्सर उपलब्ध रहती हैं, जिसके रसास्वादन का आनन्द उन्हें मिलता रहता है । कभी-कभी ऐसा होता है कि एक ही फ्लेवर की कहानियां पढते-पढते ऊब होने लगती है, तब उन्हें अलग विषय-वस्तु की चाह होती है । ऐसी स्थिति में 'ब्लू आवर' एक अलग स्वाद परोसती है । 


यह कथा एक विज्ञान फंतासी है । इसमें अति उन्नत ( एडवांस्ड ) मशीन निमार्ण की कहानी है । इस मशीन के द्वारा पदार्थ को ऊर्जा में और उस ऊर्जा को वापस पदार्थ के उसी मूल रूप में बदला जा सकता है । इस काल्पनिक आख्यान को बड़े ही कुशलता के साथ लिपिबद्ध किया गया है, जिसे पढते हुए पाठकगण रोमांचित हो उठेंगे ।

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इस कहानी में घटना क्रमों का विवरण इस तरह प्रस्तुत किया गया है कि हर घटना घटित होने पर पाठक गण अचंभित होते हैं। उन्हें एक अलग तरह की ताजगी व स्फूर्त स्पंदन महसूस होता है । सामाजिक व राजनैतिक कहानियों से इतर यह कहानी अत्यंत ही सरल है, जिसे असानी से समझा जा सकता है । 


हमारा समाज पुरूष प्रधान है, लेकिन अब इसमें बदलाव आ रहा है । महिलायें विभिन्न क्षेत्रों में अपनी उपस्थिति दर्ज करा रही हैं । इस कहानी में भी प्रमुख पात्र डा. कुमार की पुत्री मरीचिका अपनी बुद्धिमत्ता से पिता को मुश्किलों से बाहर निकालने का काम करती है, वह एक पुत्र की तरह साहस, धैर्य और कुशलता प्रदर्शित करती है और अंतत: पिता को नया जीवन देती है ।

इस कहानी में पिता और पुत्री के संबंध को बड़े ही संवेदनात्मक तरीके से दिखाया गया है । पुत्री पिता के लिए वह सब कुछ करती है जो एक संतान को अपने जन्मदाता के लिए करना चाहिए। इसप्रकार यह उपन्यास नारी प्रधान होने के साथ ही प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में भी नारी शक्ति की सहभागिता के लिए प्रेरक की तरह है। 


मनुष्य का यह स्वभाव है कि वह किसी नयी चीज को सहजता से स्वीकार नहीं करना चाहता है, परन्तु विडंबना यह है कि विज्ञान और प्रौद्यिगिकी हमेशा ऐसी चीजें लाती है जो नयी होती है और पहले से प्रचलन में नहीं होती है । लोग उससे डरते हैं, उसके प्रयोग करने से घबराते हैं, परंतु जब वे उसका प्रयोग करना सीख जाते हैं और वह यंत्र ( अविष्कार ) प्रचलन में आ जाता है, तब मानव जीवन आसान हो जाता है। सैकड़ों ऐसे विज्ञान की देन अविष्कार है जिसने मानव की जीवन शैली को सहज बना दिया है । 


इस उपन्यास के प्रमुख पात्र डा. कुमार जब इस मशीन के बनाने का प्रस्ताव इंस्टीट्यूट के डायरेक्टर के सामने रखते हैं तो वे इसे सिरे से अस्वीकार कर देते हैं । अस्वीकार करने का प्रमुख कारण डा. कुमार की योग्यता को कमतर आंकना है तथा उनपर अविश्वास करना है । वे इस प्रस्ताव में वर्णित सिद्धांत को काल्पनिक समझते हैं तथा उन्हें इस सिध्दांत पर आधारित मशीन का निर्माण असंभव प्रतीत होता है । इन कारणों से वे डा. कुमार और उनकी मशीन का हमेशा विरोध करते हैं । 


यह कहनी एक जिद्दी वैज्ञानिक की है जो अपने लगन और मेहनत से असंभव कार्य को संभव बनाता है । प्राय: ऐसा देखा गया है कुछ अलग किस्म के व्यक्ति जिसकी समझ साधारण लोगों से अधिक होती है, वह जो समझता है, देखता है, उसे साधारण आदमी समझ नहीं पाते । इस स्थिति में उस व्यक्ति की बातों को महत्वहीन और बकवास समझा जाता है और उसे सनकी कहा जाता है । वह व्यक्ति विरोध का पात्र बन जाता है । 


प्रत्येक बॉस अपने सबोर्डिनेट से बेहतर रहना चाहता है, परंतु जब उसका सबोर्डिनेट उससे बेहतर कार्य करना चाहता है, तब मानव मन में उठने वाला स्वयं का अहम भाव, जो दूसरे को हीन तथा स्वयं को श्रेष्ठ समझता है, उसके अंदर इर्ष्यालु प्रवृति को जन्म देता है। परिणामस्वरूप बॉस द्वारा उसे बेवजह परेशान किया जाता है । परंतु इस कहानी का मुख्य पात्र सभी विरोधों के बावजूद अपने लक्ष्य के प्रति सजग रहता है और अंतत: अपनी टीम के अथक प्रयास से उसे प्राप्त करता है । यह उपन्यास इसी संघर्ष की कहानी है । 


उपन्यास का अंत सुखदायी है, अंत में सबकुछ ठीक हो जाता है । डा. कुमार के सभी विरोधियों से उनकी उपलब्धि को मान्यता मिल जाती है । उनके बॉस भी उनकी सफलता से खुश हो जाते हैं और उनकी भूरि-भूरि प्रशंसा करते हैं । डा. कुमार ने जो काम किया है, वास्तव में वह उन सभी के लिए जो कुछ अलग करना चाहते हैं, प्रेरणादायक सिद्ध होता है।  

 

सांइस फिक्शन में वैज्ञानिक खोजों का समाज पर पड़ने वाले प्रभाव के अनुमान पर कथा बुनी जाती है । यह कथा कभी साकारत्मक काल्पनिक प्रभाव को दर्शा सकती है, तो कभी नाकारात्मक काल्पनिक प्रभाव को दर्शाती हुई देखी जाती है । नये अविष्कारों से अनभिज्ञता होने कारण मानव मन में विभिन्न तरह के दुष्परिणाम की आशंका उत्पन्न होती है, जिस वजह से उसके अंदर एक तरह का भय उत्पन्न होता है। इन काल्पनिक दुष्पारिणाम से समाज को सावधान करने के लिए कथा के माध्यम से अभिव्यक्ति की जाती है । अत: विज्ञान  काल्पनिक कथा मनोरंजन के साथ भविष्य के प्रति लोगों को सजग भी बनाती है, साथ ही विज्ञान के गुण- अवगुण से अवगत भी कराती है । 


' ब्लू ऑवर ' एक विज्ञान काल्पनिक कथा होने के साथ ही रोचक भी है । इससे संबंधित उपरोक्त बातें कैसी लगी ? नीचे कमेंट के द्वारा बताना ना भूलें । वैसे यह एक परिचय भर है, पूरी जानकारी के लिए इसे अवश्य पढिए और अनुभव शेयर करिए। 


यू.पी.204' (U.P.204)


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यहाँ हम एक अन्य उपन्यास को भी आपके समक्ष रखना चाहते हैं । यह भी Indian Sci-Fi कैटेगरी में है । यह उपन्यास वर्ष 2019 में प्रकाशित हुआ था । इसका किंडल रूप भी उपलब्ध है । इस उपन्यास का नाम है ' यू.पी.204' । यह भी एक विज्ञान कथा है । यह  रूढिवादी विचारधारा से उपजे अंधविश्वास को विज्ञान की मदद से दूर करने की कहानी है। कहानी अत्यंत ही रोचक है । एक किशोर वय लड़के की जिज्ञासा ने पुरानी रूढिवादी मान्यताओं को परत दर परत उधेर कर रख दिया । इसे पढते हुए आप एक रहस्यमयी दुनिया से परिचित होते हैं, जहाँ की घटनाऐं आपको हैरान करती है  


इस उपन्यास के मुख पृष्ठ पर ही लिखा है,  ‘ सदियों से मानव जाति कुछ ऐसे अंधकार के साथ जी रही है, जिसका वह अभ्यस्त हो चुकी है, उसे दूर करने से वह डरती है एवं साथ चलने में ही भलाई समझती है, परंतु जब उस पर विज्ञान की रोशनी पड़ती है तो सब स्पष्ट दिखता है और अंधकार स्वत: ही दूर हो जाता है.......'। 

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वास्तव में हमारे समाज की कुछ पुरानी मान्यताओं का आधार समझ से परे है।ये मान्यतायें अज्ञानता पर आधारित है, लोगों को वर्षों पहले प्रकृति के बारे में उतनी जानकारी नहीं थी, जितनी आज है । उनमें डर व्याप्त था और स्वयं की सुरक्षा के लिए उन चीजों (जिनके बारे में उन्हें जानकारी नहीं थी ) से वे दूर रहते थे । जिस कारण उससे संबंधित कई किस्से -कहानियां सुनी- सुनाई जाती थी और लोगों को उससे दूर रखा जाता था । 


इस विज्ञान कथा के माध्यम से इन्हीं मान्यताओं को खंडित किया गया है और एक वैज्ञानिक विश्लेषण प्रस्तुत किया गया है । यह कहानी एक पहाड़ी के इर्द-गिर्द घुमती है, जिसके तल में एक गुफा है । गुफा के अंदर एक मूर्ति है जो अति प्राचीन है । इस गुफा को लेकर इसके आस-पास के गाँव में भय व्याप्त है । लोग इस पहाड़ी के आस-पास भी फटकने से घबराते हैं । रात्रि के समय इधर कोई नहीं आता-जाता है । वैसे तो इधर दिन में ही सन्नाटा पसरा रहता है, परंतु शाम होते ही लोग अपने घरों की ओर लौट जाते हैं । लेकिन सबसे अधिक कौतूहल की बात यह है कि अमावस्या के रात इस पहाड़ी के ऊपर बिजली की कौंध जैसी रोशनी चमकती है । यह रोशनी विज्ञान के लिए भी चुनौती बनी रहती है ।  


इस कहानी में कई किस्साओं का वर्णन है, जो पौराणिकता पर आधारित है ।  इस तरह की किस्साऐं हमारे ग्रामीण समाज में बहुत पहले से सुनी और सुनाई जाती रही है । लोग इन किस्साओं को सही मानते हैं और उसके अनुरूप आचरण करते हैं । परंतु विज्ञान और आधुनिकता की पहुँच जैसे-जैसे वहाँ तक हो रही है, लोगों के आँखों के सामने का अंधकार छटता जा रहा है । उन्हें वास्तविकता का ज्ञान होता जा रहा है ।  

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इस उपन्यास के घटनाक्रम का सिलसिला कुछ इस तरह है कि बिना किसी बोरियत की आपकी आँखें शब्दों की पटरियों पर दौड़ती चली जाती है । यदि आप इसे पढना शुरू करते हैं तो कब अंत तक पहुँच जाते हैं, यह पता ही नहीं चलता है । सरल शब्दों में कथा लिखी गयी है, जिससे इसे समझने में भी आसानी होती है । इस प्रकार यू.पी. 204 एक मनोरंजक रहस्यमयी विज्ञान कथा है, जिसके अंदर कई रहस्यों से पर्दा उठाया जाता है । 


कथाऐं तो आपने बहुत पढी होगी, लेकिन विज्ञान कथा का एक अलग ही मजा है । यह कथा एक अलग विषय वस्तु से परिचय करायेगी, जिससे पहली बार आप रुबरू हो रहे होंगे । यह नयापन विज्ञान कथा में ही मिलेगी ।  इन्हें अवश्य पढकर देखिए । 


उपरोक्त दोनों उपन्यास कैसा लगा ? इसे आप नीचे टिप्पणी कर बता सकते हैं । आपकी टिप्पणी का हमें इंतजार रहेगा । धन्यवाद !



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