Saturday 18 September 2021

ब्योमकेश बक्सी की रहस्यमयी कहानियाँ:  सारदेंदु बंद्योपाध्याय बंगला साहित्य के जानेमाने लेखक हैं । उन्होंने जासूसी लेखन को एक नया आयाम दिया । उनकी विशिष्टता उनके जासूसी लेखन के अतिरिक्त उनकी अद्वितीय लेखन-शैली के साथ-साथ उनके चरित्रों का सूक्ष्म जीवंत चित्रण है। बीसवीं सदी के प्रारंभ के बंगाल में लेखक और पाठक समान रूप से अपराध और जासूसी साहित्य को नीची निगाहों से देखते थे। सारदेंदु बंद्योपाध्याय ने पहली बार उस लेखन को सम्मानीय स्थान दिलाया। इसका एक बड़ा कारण यह था कि उनके पूर्व के लेखक पंचकोरी डे  और दिनेंद्र कुमार अंग्रेजी के जासूसी लेखक आर्थर कोनान, डोएल, एडगर एलन पो, जी.के. चेस्टरसन तथा अगाथा क्रिस्टी से प्रभावित होकर लिखते थे, जबकि सारदेंदु के चरित्र और स्थान अन्य जासूसी उपन्यासों के विपरीत, भारतीय मूल और स्थल के परिवेश में जीते हैं। उनके लेखन का विनोदी स्वभाव पाठक को अनायास कथा के दौरान गुदगुदाता रहता है। ब्योमकेश का साहित्य न केवल अभूतपूर्व जासूसी साहित्य है बल्कि सभी समय और काल में, समाज के सभी वर्गों के युवाओं और वृद्धों में समान रूप से सदैव लोकप्रिय बना रहा है। पाठक इन रहस्य भरी कहानियों को उनके जीवंत लेखन के लिए, अंत जानने के बावजूद, बार-बार पढ़ने के लिए लालायित रहता है। किसी भी लोकप्रिय साहित्य में यह एक अद्वितीय उपलब्धि मानी जाती है और यही उपलब्धि सारदेंदु के ब्योमकेश बक्शी साहित्य को सत्यजीत राय के प्रसिद्ध उपन्यास 'फेलूदा के कारनामे' के समान हमारे समय के 'क्लासिक' का स्थान दिलाती है।

Byomkesh Bakshi ki Rahasyamayi Kahaniyan, Hindi eBooks
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कलकत्ता को भरपूर जानने वाले भी शायद यह नहीं जानते होंगे कि कलकत्ता के केंद्रस्थल में एक ऐसा भी इलाका है जिसके एक ओर अबंगालियों की अभावग्रस्त बस्ती है, दूसरी ओर एक और गंदी बस्ती और तीसरी ओर पीत वर्ग की चीनियों की कोठरियाँ हैं । इस त्रिकोण के बीचोबीच त्रिभुजाकार जमीन का एक टुकड़ा है, जो दिन में तो और स्थानों की तरह सामान्य दिखाई देता है, किंतु शाम होने के बाद एकदम कायापलट हो जाती है । 


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